लक्षद्वीप (Lakshadweep): कैसे और कब जाएँ?

लक्षद्वीप (Lakshadweep) भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है। यह 36 द्वीपों का एक समूह है जो आकर्षक समुद्र तटों और हरे-भरे परिदृश्य के लिए जाना जाता है। लक्षद्वीप दुनिया के अनूठे उष्ण कटिबंधीय द्वीपों में से एक है। मलयालम और संस्कृत में लक्षद्वीप नाम का अर्थ है – ‘एक लाख द्वीप’।

 

 

इसकी 36 द्वीपों में बँटी हुई 32 वर्ग किमी की ज़मीन समुद्री सम्पदा से सम्पन्न 4200 वर्ग किमी विशाल समुद्र से घिरी हुई है। लेकिन इन सभी द्वीपों में से सिर्फ़ 10 द्वीपों पर बसाहट है। पारिस्थितिकी और संस्कृति की इस बहुमूल्य धरोहर को बेहद नाज़ुक पारिस्थितिक तंत्र ने संभालकर रखा है। केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप पारिस्थितिक पर्यटन के प्रति कटिबद्ध है और यह पर्यटन के प्रसार और पर्यावरण संरक्षण के बीच एक नाज़ुक संतुलन कायम करता है। हालाँकि पूरा द्वीप ही मूँगे की खूबसूरत चट्टानों, सुनहरे किनारों और साफ़ पानी से घिरा हुआ है, लेकिन इनमें से हरेक द्वीप पर सुविधाओं और सेवाओं के मामले में विविधता देखने को मिलती है। कुछ द्वीपों को डाइविंग और वॉटर एक्टिविटीज़ के हिसाब से विकसित किया गया है; जबकि कुछ द्वीपों को इस तरह विकसित किया गया है कि पर्यटक वहाँ आराम करते हुए प्रकृति का आनंद ले सकें।

 

लक्षद्वीप के प्रमुख आइलैंड :

 

अगत्ती (Agatti)

25 किमी लैगून क्षेत्र और 3.3 वर्ग किमी में फैला, अगत्ती एकमात्र द्वीप है जिस पर हवाई अड्डा है। यह लक्षद्वीप की यात्रा को बेहद सुविधाजनक बनाता है। अगत्ती इस द्वीपसमूह के बसाहट वाले चुनिन्दा द्वीपों में से एक है।

 

अन्द्रोत (Andretti)

अंद्रोत लक्षद्वीप द्वीपसमूह का सबसे बड़ा द्वीप है और पूर्व-पश्चिम दिशा में भारतीय मुख्य भूमि के सबसे करीब स्थित है।

 

मिनिकॉय (Minicoy)

यह द्वीप लक्षद्वीप के सबसे दक्षिणी भाग में विरिंगिली के साथ बाकी द्वीपों से दूर स्थित है। स्थानीय रूप से मलिकू कहा जाने वाला यह द्वीप 90 चैनल के करीब स्थित है, जो अरब सागर के सबसे व्यस्त शिपिंग बंदरगाहों में से एक है।

 

कदमत (Kadmath)

कदमत प्रवालद्वीप अमिनदीवी द्वीपों के उपसमूह का हिस्सा है और सबसे लंबा है। इस टापू पर आश्चर्यजनक मूंगा चट्टानें बहुतायत से मिलती हैं वहीं यहाँ बड़ी तादाद में समुद्री घास और समुद्री कछुए भी पाए जाते हैं जो यहाँ बसते हैं और प्रजनन करते हैं।


कल्पेनी (Kalpeni)

दो छोटे टापू तिलक्कम और पिट्टी, कल्पेनी के साथ एक एकल प्रवालभित्ति (एटोल) बनाते हैं। इस द्वीप को कोएफ़ैनी के नाम से भी जाना जाता है और यह मूंगा मलबे की विशाल खाड़ी के लिए मशहूर है, माना जाता है कि जो 1847 में आए एक भयानक तूफान के बाद जमा हुआ था।

 

बांगरम (Bangaram)

अगत्ती द्वीप से 20 मिनट की स्पीड बोट की सवारी के बाद बानगरम एटोल थ्रेड में थिन्नकारा, दक्षिण बांगरम शहर, पिरिली 1 और पिरिली 2 जैसे छोटे द्वीपों पर पहुँचा जा सकता है। आँसू की बूँद जैसे आकार का यह द्वीप एक उथले पानी वाली श्रेणी के साथ अगत्ती से जुड़ा हुआ है।

 

कवरत्ती (Kavaratti)

लक्षद्वीप के सबसे विकसित द्वीपों में से एक, कवरत्ती एक प्रवाल स्वर्ग है। पर्यवेक्षण पर्यटन बोर्ड ‘कोरल रीफ़’ और ‘ताराताशी’ नामक दो पैकेजों की पेशकश करता है। इस द्वीप पर कुल 52 मस्जिदें हैं।

 

लक्षद्वीप कब जाएँ?

लक्षद्वीप जाने के लिए सबसे सही समय अक्टूबर से मई के महीने तक है। यहाँ मई के मध्य से लेकर सितम्बर महीने तक बारिश होती है। वैसे तो लक्षद्वीप में सभी रिसॉर्ट पूरे साल खुले रहते हैं लेकिन मानसून के दौरान जहाज़ से वहाँ पहुँचना मुश्किल होता है। अगत्ती और बंगाराम जैसे द्वीप मानसून के दौरान भी सुगम रहते हैं और वहाँ कोच्चि से उड़ान लेकर पहुँचा जा सकता है। कदमत, मिनिकॉय और कवरत्ती के रिसॉर्ट तक पहुँचना थोडा मुश्किल होता है क्योंकि वहाँ तक सीधी हवाई कनेक्टिविटी नहीं हैं। मानसून के दौरान, अगत्ती से बंगाराम तक परिवहन केवल हेलीकॉप्टर द्वारा होता है। फिर भी बरसात का मौसम एक लुभावना अनुभव देता है जब पेड़-पौधे और भी ज़्यादा हरे-भरे दिखाई देने लगते हैं। और बारिश की बौछारें लैगून और उसके पार समुद्र की सुंदरता में चार चाँद लगा देती हैं। पर्यटकों के लिए उड़ानें साल भर उपलब्ध रहती हैं लेकिन मानसून के दौरान जहाज़ सिर्फ़ स्थानीय यात्रियों के लिए ही चलाए जाते हैं। पर्यटकों के आवागमन के लिए ये उपलब्ध नहीं रहते।

 

लक्षद्वीप कैसे पहुँचें?

लक्षद्वीप दो तरीकों से पहुँचा जा सकता है : (1) हवाई रास्ते से (2) समुद्री रास्ते से

हवाई रास्ते से

जैसा कि ऊपर बताया गया है, लक्षद्वीप में अगत्ती ऐसा एकमात्र द्वीप है जिस पर हवाई अड्डा है। हवाईजहाज़ के ज़रिए अगत्ती तक पहुँचकर बाकि द्वीपों पर जहाज़ द्वारा पहुँचा जा सकता है।

समुद्री रास्ते से

केरल के कोच्ची बंदरगाह से जहाज़ के ज़रिए भी सीधे लक्षद्वीप पहुँचा जा सकता है। इसमें करीब 20 घंटे का समय लगता है।

 

लक्षद्वीप में घूमने के लिए कितने दिन काफ़ी हैं?

यह इस बात पर निर्भर है कि आप यहाँ क्या एक्टिविटीज़ करना चाहते हैं। आमतौर पर ये पैकेज 3 से 6 दिनों के होते हैं। कई एजेंसियाँ यहाँ घूमने के लिए अलग-अलग पैकेज उपलब्ध करवाती हैं। ये पैकेज प्रति व्यक्ति 25,000 से 30,000 रु. के बीच मिल जाते हैं। आप चाहें तो खुद प्लान बनाकर भी घूमने की जगहें चुन सकते हैं। लक्षद्वीप टूरिज़्म की ओर से ‘लक्षद्वीप समुद्रम’ नाम से पाँच दिन के क्रूज़ का पैकेज भी मिलता है जो कोच्ची से शुरू होकर मिनिकॉय, कवरत्ती, कल्पेनी और फिर कोच्ची लौटता है।

 

लक्षद्वीप में खाने की सुविधाएँ

पर्यटक का विशेष आकर्षण होने का कारण लक्षद्वीप में खाने-पीने की हर तरह की चीज़ें मिल जाती हैं. यहाँ उत्तर भारतीय रेस्टोरेंट भी हैं, दक्षिण भारतीय भी. यहाँ का सी-फ़ूड बहुत महशूर है. अगर आप सी-फ़ूड के शौकीन हैं तो ज़रूर खाकर देखें.

 

यह ज़रूर ध्यान रखें

लक्षद्वीप एक केंद्र शासित प्रदेश है। यहाँ आने के लिए हर विज़िटर (भारतीय या विदेशी) को एंट्री परमिट की ज़रूरत होती है इसलिए लक्षद्वीप जाने से पहले अपना एंट्री परमिट लेना न भूलें।

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